भगवद गीता का चौथा अध्याय “ज्ञान कर्म संन्यास योग” है। इसमें श्री कृष्ण ने आत्मज्ञान, निष्काम कर्म और दिव्य ज्ञान के माध्यम से कर्तव्यों के निर्वहन को समझाया है। श्रीभगवानुवाच: …
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भगवद गीता का तीसरा अध्याय “कर्म योग” पर आधारित है, जिसमें श्री कृष्ण ने कर्म करने, बिना फल की चिंता किए, अपने धर्म का पालन करने और आत्म-निर्भरता की महत्ता …
सञ्जय उवाच: तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम् । विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ।। संजय बोले- उस प्रकार करुणासे व्याप्त और आँसुओंसे पूर्ण तथा व्याकुल नेत्रोंवाले शोकयुक्त उस अर्जुनके प्रति भगवान् मधुसूदनने यह वचन …
खाटू श्याम की आरती एक प्रसिद्ध हिंदी आरती है जो खाटू श्याम जी की पूजा में उतारी जाती है। यह आरती उनकी भक्ति में उत्साह और आनंद को अभिव्यक्त करती …
मीराबाई का जीवन संगीत, भक्ति और साधना की उच्च श्रेणी को प्रतिनिधित्व करता है। वे राजपूतानी सम्राट भोज राजा की धर्मपत्नी थीं, लेकिन उनका मार्ग भक्ति की ओर ले गया। …
पुरुषोत्तम मास, जिसे मलमास के नाम से जाना जाता था, श्रीकृष्ण के वरदान से विशेष महत्व प्राप्त करता है। इस माह में तप, पूजा, दान, कथा श्रवण से अनंत पुण्य …
Purushottam Mas Katha: Adhyaya 1 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 1
नैमिषारण्य में ऋषियों का यज्ञ हेतु संगम, सूतजी और शुकदेवजी का स्वागत, उनकी दिव्यता, भक्ति, ज्ञान और तीर्थयात्रा के महत्व पर आधारित आध्यात्मिक संवाद का वर्णन। कल्पवृक्ष के समान भक्तजनों …
Purushottam Mas Katha: Adhyaya 2 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 2
सूतजी ने ऋषियों को नारायण द्वारा नारद को सुनाई गई पुरुषोत्तम मास की महिमा बताई। यह मास भगवान के प्रति भक्ति, व्रत, और दान से पापों का नाश और मोक्ष …
Purushottam Mas Katha: Adhyaya 3 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 3
अधिमास, निंदित और असहाय होकर भगवान विष्णु की शरण में गया। उसने अपनी व्यथा सुनाई, और भगवान ने उसे धैर्य बंधाते हुए सम्मानित करने का आश्वासन दिया। ऋषिगण बोले, ‘हे …
Purushottam Maas Katha: Adhyaya 4 | पुरुषोत्तम मास कथा: अध्याय 4 |
अधिमास, शरणागत होकर भगवान विष्णु से अपने तिरस्कार और कष्ट की व्यथा कहता है। करुणा से द्रवित भगवान विष्णु अधिमास को स्वीकारते हैं और उसे आश्वासन देते हैं। श्रीनारायण बोले, …